गुडेली में बह रहा अवैध महुआ शराब का गंगा, पंचायत मौन आबकारी विभाग गहरी नींद में*
महुआ शराब हैं जहर, राखड़ एवं शक्कर का किया जाता है उपयोग*

गुडेली में बह रहा अवैध महुआ शराब का गंगा, पंचायत मौन आबकारी विभाग गहरी नींद में*
*महुआ शराब हैं जहर, राखड़ एवं शक्कर का किया जाता है उपयोग*
सारंगढ़ खबर,सारंगढ़—–ग्राम पंचायत गुड़ेली में लगातार कई सालों से अवैध महुआ शराब का कारोबार चल रहा है। जिस पर ना तो अधिकारियों का कड़ी कार्रवाई हो रहा है ना ही ग्राम पंचायत के मुखिया के द्वारा अवैध महुआ शराब पर अंकुश लगाया जा रहा है। जैसे-जैसे दिन बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसी महुआ बिक्री में और बढ़ोतरी हो रही है महुआ शराब मनुष्य जीवन के लिए बेहद हानिकारक है क्योंकि इसमें जहरीले राखड और शक्कर का उपयोग करके शराब बनाकर लोगों को सस्ते दामों पर बेच रहे हैं जिससे छोटे बच्चे युवा बूढ़े हर वर्ग के आदमी मात्र 20 30 रूपये में ही महुआ का सेवन कर रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुड़ेली में ऐसे कई घर है जो अपना बिजनेस महुआ शराब को बना रखे हैं कई बार सारंगढ़ पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा कई लोगों के प्रति कार्यवाही किया गया है लेकिन अब तक इसमें कोई सुधार नहीं हो रहा है क्या कारण है कार्यवाही नाम मात्र या हर महीना विभाग को दिया जा रहा है मोटी रकम।??
*गुड़ेली में महुआ शराब को होम डिलीवरी किया जाता है , महीने में लाख रुपये तक की कमाई का दावा, सूत्र*
गुडेली में अवैध महुआ शराब का कारोबार इतना बड़ा है कि आप को बस एक कॉल पर ही होम डिलीवरी कर सकते हैं। महुआ शराब को बिक्री नहीं बल्कि अपना बिजनेस बना दिये हैं। प्रति दिन गुड़ेली से लगभग 400 से 600 लीटर तक का कारोबार कर लिया जाता है। बेचने वाले महुआ तस्कर महीने में लाख रूपये तक कमाई कर लेते है, और विभाग में बैठे अधिकारी नाम मात्र कार्यवाही कर के अपना पीठ थपथपा रहे है, अगर अधिकारीयो द्वारा कड़ी कार्यवाही किया जाए तो क्या अवैध महुआ तस्कर बेच पायेंगे या विभाग में ही लापरवाही बरती जा रही है ये एक गंभीर विषय है। अधिकारियों के चुप बैठने मतलब विभाग से ही मिलीभगत का अंदाजा लगाया जा सकता है। महुआ शराब बिक्री पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है क्यों कि यह सिर्फ शराब नहीं मनुष्य के शरीर को पुरी तरह से खत्म कर देगा, जब कच्चा महुआ को मात्रा 3 से 4 दिन में ही सड़ा देता है तो कब तक पीने वाले लोगों के शरीर को सड़ा नहीं पायेगा। ऐसे कच्चा पदार्थ का सेवन करना ही नहीं चाहिए जो मनुष्य के जीवन को खतरा हो अब आगे यह देखना होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद पंचायत या विभाग में बैठे अधिकारी कोई सुधार करते है या नहीं।