मुख्यमंत्री,एनजीटी,पर्यावरण मंत्री और जिला कलेक्टर से पर्यावरण अधिकारी की मनमानी की शिकायत बहुत जल्द

*सूचना के अधिकार के तहत कटंगपाली नाला में डाले गये फ्लाईएश डस्ट के आदेश की कापी मांगने पर पर्यावरण विभाग ने हाथ खड़े किये**
**सूचना के अधिकार के तहत 4 जानकारी मांगी गई जिस पर विभाग ने रिकार्ड निरंक बताया**
**क्या विभाग के बिना आदेश का ही ट्रांसपोर्टर के द्वारा कटंगपाली नाला में फ्लाईएश डस्ट डाला गया?**
**पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के क्षेत्र में ही पर्यावरण अधिकारी की मनमानी चरम पर**
*पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू द्वारा ट्रांसपोर्टरों को बचाने किया जा रहा प्रयास**
**मुख्यमंत्री,एनजीटी,पर्यावरण मंत्री और जिला कलेक्टर से पर्यावरण अधिकारी की मनमानी की शिकायत बहुत जल्द**
सारंगढ़ खबर,सारंगढ़—–रायगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण विभाग में दिनाँक 8/4/25 को सूचना के अधिकार के तहत 4 जानकारी मांगी गई थी,जिस पर विभाग के अधिकारियों के द्वारा किसी भी जानकारी को उपलब्ध नही कराते हुए रिकार्ड अनुसार जानकारी को निरंक बताया गया है।और प्रथम अपील करने रायपुर कार्यालय के बारे में बोला गया है।
सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी में सरिया क्षेत्र के कटंगपाली नाला में रायगढ़ के ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लाखो टन फ्लाईएश डस्ट डाला गया है और कौन कौन से खसरा नम्बर में डाला गया है इसकी जानकारी पर्यावरण विभाग देने में असमर्थ है,और फ्लाईएश डस्ट डालने का आदेश खुद पर्यावरण विभाग के पास नही है ये तो समझ से परे है।क्या विभाग के बिना आदेश का ही ट्रांसपोर्टरों के द्वारा कटंगपाली नाला में फ्लाईएश डस्ट डाल दिया गया । आखिर प्रश्न ये उठता है कि आखिर किसके आदेश पर लाखो टन जहरीली फ्लाईएश डस्ट सरिया क्षेत्र के कटंगपाली नाला में डाला गया है जो कि विभाग के लापरवाही पूर्वक कार्य करने पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है ?
साफ तौर से ये पता चल रहा है की रायगढ़ के पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के द्वारा ट्रांसपोर्टरों से सांठगांठ कर उनको बचाने का प्रयास किया जा रहा है।पूर्व में कटंगपाली क्षेत्र के लोगो के द्वारा जिला कलेक्टर को शिकायत भी किया गया है जिसमे
कटंगी नाला से लगे हुए पानी के निचे जमीन एवं छोटे झाड़ के जंगल तथा निचे दर्शाये खसरा नंबर व रकबा जमीन मे फलाई एस पटाई किया जा रहा है। जो बारसात के दिनो मे लाखो टन फ्लाईएश डस्ट बह कर महानदी होते हुए हिराकुद डेम (उडिशा) एवं उससे आगे जहाँ तक जल धारा जाती है। प्रभावित करेगी जिसे रोक लगाते हुए पाटे गये फलाई एस को हटवाने के संबंध में कहा गया है।
शिकायत में कहा गया है कि बाबा रूपधर दास हायर सेकेण्ड्री स्कूल कटंगपाली अ से लगे हुए खसरा नंबर 226/1 रकबा 0.150 है, 2. 267/1 रकबा 0.538 हेक्टयर एवं इससे लगे हुए पानी के निचे जमीन व छोटे झाड़ के जंगल जमीन में भी गौरी रोड कैरीयर (grc) NOC N2716 क्षे. का/ पर्यावरण सं. मं./2024 फलाई एस डम्पिंग यार्ड का बोर्ड लगा हुवा है। उक्त स्थान एवं इससे लगे कटंगी नाला के जमीन मे के साथ फलाई एस डम्फर एवं हाईवा मे लाकर नाला से लगे हुए खदान एवं नाला के पानी मे लगातार पटाई किया जा रहा है। इसी लगे हुए जमीन मे अडानी पावर लिमिटेड उद्योग से लाकर जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ तह० सरिया ग्राम कटंगपाली अ प.ह.नं.03 खसरा नंबर 248/2 च 248/1क 250/4घ 248/1ख 250/4घ/3 कुल रकबा 0.399 हेक्टयर एवं इससे लगे हुए कटंगीनाली के पानी के निचे एवं छोटे झाड के जंगल जमीन मे भी लगातार ट्रासपोटर रायगढ़ माटर्स के मालिक दीपक अग्रवाल एवं जय श्री श्याम ट्रासपोर्ट के मालिक शुशील मित्तल तथा हनुमान अग्रवाल द्वारा लगातार लाखो टन जहरीला केमिकल युक्त फलाई एस पानी मे डाला गया है।जिसकी फोटो और वीडियो दोनों को ही रख लिया गया है।
**अडानी पावर प्लांट के अधिकारी को भी दिया गया था जानकारी**
अडानी पावर प्लांट के फ्लाईएश डस्ट प्रभारी श्याम कुमार से कुछ माह पूर्व सारंगढ़ खबर के संपादक के द्वारा कटंगपाली नाला में ट्रांसपोर्टरों के द्वारा फ्लाईएश डस्ट डालने की जानकारी दिया गया था,और आज भी श्याम कुमार से कटंगपाली में डस्ट डालने का आदेश और फ्लाईएश से जुड़े जानकारी लेने के लिए उनके फोन पर वाट्सएप मैसेज औऱ उनके मोबाइल फोन पर कई बार फोन भी किया गया परंतु श्याम कुमार के द्वारा फोन कॉल और मैसेज को देख कर भी अनदेखा किया गया और कोई रिप्लाई भी नही किया गया।1 माह पूर्व में दुरभाष से चर्चा करने पर श्याम कुमार के द्वारा कहा गया था कि अगर अडानी पावर से फ्लाईएश डस्ट गया है और कटंगपाली नाला में डाला गया है तो मैं जांच करा लेता हूं।परंतु अभी तक ट्रांसपोर्टरों के विरुद्ध ना ही पर्यावरण विभाग द्वारा कोई कड़ी कार्यवाही किया गया और ना ही अडानी पावर प्लांट के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही किया गया है।आखिर ट्रांसपोर्टरों को कौन आदेश दिया जिन्होंने लाखो टन जहरीला फ्लाईएश डस्ट कटंगपाली नाला में बिना परमिशन का डाला और करोड़ो रूपये की क्षति जिला प्रशासन को पहुँचा कर खुद अपने आप को लाभ पहुँचाया।
विधायक और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी जहाँ एक तरह अपने क्षेत्र को स्वच्छ, साफ सुथरा रखना चाहते है तो वही वर्षो से पदस्थ रायगढ़ जिले के पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू अपने मनमानी करने पर उतर चुके है।पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू को जानकारी होने के बावजूद सरिया क्षेत्र के ग्राम कटंगपाली नाला और ग्राम क्षेरपोरा क्षेत्र में रायगढ़ के ट्रांसपोर्टरों से मिलीभगत कर बिना अनुमति के पुराने नाला को अडानी पावर कंपनी से निकलने वाली जहरीली फ्लाईएश डस्ट से पाट दिया गया है जिसकी जानकारी पर्यावरण अधिकारी को है पर गांव वालों की शिकायत करने पर भी अधिकारी के द्वारा कोई भी बड़ी कार्यवाही ट्रांसपोर्टरों के ऊपर नही की जा रही है और ना ही कंपनी को नोटिस दिया गया है।ग्राम कटंगपाली खसरा नम्बर 246 शासकीय सिंचित भूमि 0.3040 हे. जो राजस्व निरीक्षक मंडल गोबरसिंघा के अंतर्गत में फैला हुआ है।सरिया क्षेत्र के कटंगपाली और अन्य जगहों पर विभागीय अनुमति से किस किस खसरा नम्बर पर फ्लाईएश डस्ट डाला गया है उसकी जानकारी भी क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण विभाग से मांगी गई है। अगर सही तरीके से सरिया क्षेत्र के शासकीय भूमि की जांच की जाये तो पता चलेगा कि अधिकारियों और ट्रांसपोर्टरों के द्वारा मिलीभगत कर कहा कहा बिना परमिशन के शासकीय जमीनों पर लाखो टन जहरीली फ्लाईएश डस्ट पाटा गया है और अपना जेब भरा गया है। वही ग्राम पंचायत कटंगपाली के लोगो के द्वारा अधिकारी को शिकायत भी किया गया परंतु पर्यावरण अधिकारी कुम्भकर्णीय नींद में सो रहे है और आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नही किया गया है।इस पूरे मामले की जानकारी और शिकायत बहुत जल्द ही रायगढ़ विधायक और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी और रायपुर एनजीटी विभाग को किया जावेगा।
**विभाग अधिकारियों के द्वारा ट्रांसपोर्टरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है**
सरिया क्षेत्र के ग्राम पंचायत कटंगपाली और नवघटा क्षेरपोरा में अडानी पावर प्लांट से निकलने वाली जहरीली फ्लाईएश डस्ट डालने का टेंडर दीपक अग्रवाल और हर्ष मित्तल रायगढ़ के ट्रांसपोर्टर को मिला हुआ है,परंतु रायगढ़ के ट्रांसपोर्टरों द्वारा पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू के साथ साठगांठ कर बिना परमिशन के ही कटंगपाली के शासकीय नाला के आधे हिस्से को पूरी तरह से लाखों टन फ्लाईएश डस्ट से बेख़ौफ़ होकर पाट दिया गया है।जिससे साफ पता चलता है कि ट्रांसपोर्टर और पर्यावरण अधिकारी के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही है,जिसके कारण पर्यावरण विभाग और अडानी पावर प्लांट के अधिकारी मौन बैठे है।जिसके कारण पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू द्वारा कटंगपाली नाला को बिना परमिशन के पाट देने पर भी ट्रांसपोर्टर के ऊपर कोई भी बड़ी कार्यवाही आज पर्यन्त तक नही किया गया है।
जबकि नियमानुसार जिस क्षेत्र में शासकीय निस्तार नाला,तालाब होता है उसको बिना विभागीय अधिकारियों के स्थल निरीक्षण और बिना परमिशन के नही दिया जाता है।,सर्वप्रथम उस क्षेत्र के पटवारी और अधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाता है कि कही शासकीय नाला या तालाब तो नही है जहाँ जहरीली फ्लाईएश डस्ट डालने का परमिशन दिया गया है,फिर पंचायत से एनओसी लिया जाता है फिर पटवारी के द्वारा पटवारी प्रतिवेदन बना कर उस क्षेत्र के तहसीलदार, एसडीएम को प्रस्तुत किया जाता है,अगर पटवारी अपने प्रतिवेदन में लिखता है कि जिस क्षेत्र में शासकीय नाला या तालाब है उस क्षेत्र से लगभग 300 मीटर की दूरी पर ही फ्लाईएश डस्ट डालने की अनुमति प्रदान करता है या फिर कम या छोटा क्षेत्र होने के कारण जहाँ तक जानकारी है ट्रांसपोटर्स से बांड भराया जाता है की नाला या तालाब से लगभग 20,30 मीटर दूरी पर ही फ्लाईएश डस्ट डालने पाटने नजूल अधिकारी के द्वारा परमिशन दिया जाता है,या स्वतः ही वह प्रतिवेदन निरस्त कर दिया जाता है। परंतु यहाँ ऐसा कुछ नही किया गया ग्राम कटंगपाली में ऐसा कोई भी नियमानुसार काम विभाग के अधिकारियों के द्वारा नही किया गया है,इस पूरे मामले में ट्रांसपोर्टरों, पर्यावरण अधिकारी और सरिया के तहसीलदार की भी मिलीभगत साफ दिखाई पड़ रही है। ग्राम कटंगपाली नाला के आधे हिस्से में बिना परमिशन के दोनों ट्रांसपोर्टरों के द्वारा निडरता के साथ लाखो टन जहरीली फ्लाईएश डस्ट डाला गया है और बड़ी राशि अपनी जेब मे डाला गया है,जिसकी कड़ाई से आधिकारिक जांच होना बहुत जरूरी है,इससे साफ पता चलता है कि जिला के पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के नाक के नीचे जिला पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू,ट्रांसपोर्टर दीपक अग्रवाल, हर्ष मित्तल और सरिया के तहसीलदार के द्वारा अपनी मनमानी करते हुए पर्यावरण प्रदूषण कर अपनी स्वार्थ पूर्ति करते हुए निजी लाभ लिया गया है।जिसकी शिकायत की तैयारी कर लिया गया है जिसे मुख्यमंत्री,रायपुर एनजीटी,पर्यावरण मंत्री और जिला क्लेक्टर से जल्द ही जांच कराया जावेगा।



