सारंगढ़-बिलाईगढ़

गर्मी में सारंगढ़ का सबसे बड़ा मुद्दा पानी और घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही बनना*

सारंगढ़ के अधिकतर भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही

**गर्मी में सारंगढ़ का सबसे बड़ा मुद्दा पानी और घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही बनना**
**सारंगढ़ के अधिकतर भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही**
**क्योकि अधिकारी न निरीक्षण कर रहे न कार्यवाही**
**नगर पालिका प्रशासन बना भ्रस्टाचार का केंद्र**
**नगर पालिका मुख्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो बना पर अब काम नही कर रहा**
**नक्शा पास कर भूल जाते है जिम्मेदार,इसलिए सिस्टम न लगाने वालो की बढ़ती जा रही है नगर में संख्या**
**नये कलेक्टर के आने से लोगो मे बढ़ी आश**

सारंगढ़ खबर,सारंगढ़——–

नवीन जिला सारंगढ़ क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।नये नये सरकारी भवन के साथ शहरी क्षेत्र में लगातार भवनों का निर्माण हो रहा है,परंतु शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने में लोग ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अमला भी लापरवाही बरत रहा है।जिले के नवनियुक्त जिलाधिकारी संजय कन्नौजे के आने से सारंगढ़ की जनता में एक आशा दिखाई पड़ रही है।सारंगढ़ में हर साल अप्रैल,मई में यहाँ के लोगो को पानी की बहुत तकलीफ होती है,भरे गर्मी में हर मोहल्ले में पानी नही पहुँच पाता है जिसके कारण नगर की जनता पानी की बूंद बूंद के लिए तरस जाती है।अब जिले के नये कलेक्टर के आने से निश्चित रूप से इसमें सुधार देखने जो मिल सकता है।लोग जहां घर बनाने के समय मजबूरी में नगर पालिका में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 10 से 15 हजार रुपए जमा कर देते हैं। तो वहीं दूसरी ओर नगर पालिका – यह राशि जमा करवा कर अपनी जिम्मेदारी भूल जाता है। नगर पालिका के अधिकारी फिर कार्यालय में बैठकर लोगों के वापस आने का इंतजार करते हैं। इसी इंतजार में नगर पालिका के पास सभी क्षेत्रो का मिलाकर लाखो रुपयों की राशि जमा होती हैं। जबकि यह राशि घर बनाने के तत्काल बाद रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रमाण पत्र दिखाने पर राशि लौटाई जाती है। लेकिन लोगों ने घर बनाने के बाद रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया नहीं। इस वजह से वे लोग भी पैसे लेने नगर पालिका नहीं जाते है ।

**जिम्मेदार राशि जमा करवाने तक ही सीमित**

शहरी क्षेत्र भवन निर्माण कार्य करने पर अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए ही अनुमति मिलती है। यह भवन अनुज्ञा के साथ ही दी जाती है। नगर पालिका के अफसरों ने भवन अनुज्ञा की अनुमति दी और लोगों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग के शर्त के साथ निर्धारित राशि भी जमा करवा लेते हैं। लेकिन इसके बाद न तो नगर पालिका प्रशासन के अफसर कोई जहमत उठाते हैं और न ही फिल्ड पर जाकर ये देखते हैं कि यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घरों में बन रहा है या नहीं। घर बनने के बाद भी अफसर सुध नहीं लेते हैं।

**नगर पालिका मुख्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग तो बना पर अब कोई काम का नही**
**शहर में बन रहे निर्माणाधीन भवनों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही बन रहा**

नवीन जिला सारंगढ़ में बन रहे नवनिर्मित जिला कलेक्टर भवन के सरकारी भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम पूरा नहीं हुआ है। सामुदायिक भवनों और शहर के लगभग सभी कार्यालयों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने और उसके मेंटेनेंस के नाम पर लापरवाही बरती गई है। सारंगढ़ नगर पालिका के मुख्यालय में लगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो बना दिया गया है पर अब वो काम नही कर रहा है।नगर पालिका प्रशासन के सीएमओ,नगर पालिका इंजीनियर ने इसमें सुधार कार्य भी नही किए है,परंतु बताया जा रहा है कि अब सारंगढ़ नगर पालिका का बना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कोई काम नही कर रहा है,बस सिस्टम को बना कर इसे दिखाने के लिए रखा गया है।अगर नगर पालिका में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ठीक से बनाया जाता तो यहां बड़ी मात्रा में पानी को स्टोर किया जा सकता है।

**पालिका नोटिस तक नहीं कर रहे जारी**

कुछ साल पहले नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा ऐसे सभी भवनों की सूची जारी की गई थी और सिस्टम लगवाने के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद कुछ भवनों में लगाए भी गए थे। लेकिन उसका मेंटेनेंस तक नहीं किया। ऐसे में जब प्रशासनिक अमला ही लापरवाही बरत रहा है, तो फिर लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। इसके बाद नगर पालिका के जिम्मेदार अफसर न तो इन भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं और न ही इन्हें सुधारने को लेकर कोई पहल कर रहे हैं।

**नगर पालिका के पास सटीक रिकॉर्ड भी नहीं**

अब तक शहर के कितने घरों में लोगों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है, इसका सटीक रिकार्ड नगर पालिका के पास नहीं है। वहीं, जिन लोगों को सशर्त इसकी अनुमति दी गई, वे भी इसके लिए जमा की गई राशि वापस लेने आ रहे कि नहीं आ रहे हैं। प्रशासनिक दफ्तरों से लेकर शहर के लोगों में भी जागरुकता का अभाव है। शहर के गणमान्य व्यक्तियों का कहना है कि लोग वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं। जबकि एक घर में यह लगने से उनके बोर के अलावा आसपास के चार से ज्यादा घरों को फायदा मिलेगा। गर्मी के दिनों में बोर नहीं सूखेंगे। इसके बावजूद लोग इसे लगवाने से कतरा रहे हैं।

**जुर्माने का प्रावधान, लेकिन किसी से नहीं वसूल पाए**

इधर शहरी क्षेत्र के घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगवाने पर निगम द्वारा लगभग 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना तब तक रहता है जब तक कि मकान मालिक अपने घर मे रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगवा न लें। लेकिन नगर पालिका की ओर से आज तक एक भी लोगों पर जुर्माना नहीं लगाया गया है। नगर पालिका के अफसर इस संबंध में लगातार उदासीनता बरत रहे हैं।जिससे नगर पालिका प्रशासन को हर साल लाखों करोड़ों की हानि हो रही है।

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